The Shodashi Diaries
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Kadi mantras are regarded as quite possibly the most pure and are often employed for bigger spiritual methods. They may be affiliated with the Sri Chakra and they are considered to bring about divine blessings and enlightenment.
इस सृष्टि का आधारभूत क्या है और किसमें इसका लय होता है? किस उपाय से यह सामान्य मानव इस संसार रूपी सागर में अपनी इच्छाओं को कामनाओं को पूर्ण कर सकता है?
The reverence for Goddess Tripura Sundari is evident in the way her mythology intertwines While using the spiritual and social cloth, providing profound insights into the nature of existence and The trail to enlightenment.
प्राण प्रतिष्ठा में शीशा टूटना – क्या चमत्कार है ? शास्त्र क्या कहता है ?
Upon walking towards her historical sanctum and approaching Shodashi as Kamakshi Devi, her energy improves in depth. Her templed is entered by descending down a dim slender staircase by using a crowd of other pilgrims into her cave-llike abode. There are various uneven and irregular measures. The subterranean vault is sizzling and humid and but You will find a feeling of safety and and defense from the dim mild.
यत्र श्री-पुर-वासिनी विजयते श्री-सर्व-सौभाग्यदे
Consequently all of the gods asked for Kamadeva, the god of love to produce Shiva and Parvati get married to one another.
For those nearing the head of spiritual realization, the final stage is described as a point out of full unity with Shiva. Here, unique consciousness dissolves in the universal, transcending all dualities and distinctions, marking the culmination of your spiritual odyssey.
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की Shodashi सृष्टि करती है।
श्रीचक्रान्तर्निषण्णा गुहवरजननी दुष्टहन्त्री वरेण्या
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach
यामेवानेकरूपां प्रतिदिनमवनौ संश्रयन्ते विधिज्ञाः
देवीं कुलकलोल्लोलप्रोल्लसन्तीं शिवां पराम् ॥१०॥
॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥